काव्य रंगोली आज के सम्मानित रचनाकार अर्चना शुक्ला कानपुर ,मुंबई   


दूरभाष : 9924522633


शिक्षा : परास्नातक(अर्थशास्त्र), परास्नातक (शिक्षाशास्त्र)


व्यवसाय : शिक्षक 


विद्यालय: संत मेरी (इटावा) दो वर्ष 


         संत थॉमस (कानपुर) सोलह वर्ष 


         एसजीवीपी इंटरनेशनल स्कूल(अहमदाबाद) पांच वर्ष 


         दूरदर्शन अवम रंगमंच: तीन वर्ष 


मैं एक शिक्षक, परामर्शदाता,प्रेरक वक्ता, कवयित्री लेखक, दूरदर्शन और रंगमंच कलाकार 


Name : Archana Shukla 


Home town : Kanpur ( UP )


Current place : BKC,Mumbai 


Ph no: 9924522633


Education : MA,M.ed


Profession : Educator


I am an educator, counsellor, motivational speaker, poetess, writer, actor and a Theatre artist.


 


 


        राम जन्मभूमि                


सुनो सुनो भाई सुनो सुनो, सुनो सुनो भाई सुनो सुनो 


आज का दिन है बड़ा महान,राम का घर है पावन धाम||


 


पांच अगस्त की शुभ घड़ी आई अयोध्या में गूंजे शहनाई 


ढोल, नगाड़े,शंख बजे जय-जय सीता राम उद्घोष करे || 


 


 


अयोध्या में छाई बहार ,घर- घर सजे हैं......... बन्दंबार


दीपों की लड़ियों को सजाकर हर्षित मन हैं सब नर नार ||


 


सरयू नदी के भाग्य जगे जगमग जगमग दीप जले 


मने दीवाली आई बहार राम तेरी लीला अपरम्पार ||


 


भूमि पूजन का महूर्त आया,अयोध्या में मंगल छाया


संत समागम से आई बहार घर घर होवे जय जय कार||


 


पावन नदियों से कलश भराए,महासागर से जल मंगवाया  


तीर्थों की मिट्टी को लेकर, पहुंचे सेवक लिए... उदगार ||


 


 


धन्य धन्य हे राम लला अद्भुद ये दरबार सजा 


धूप दीप नैवैध्य सजाकर लड्डून का भोग लगा ||


 


हर्षित नाचें सब नर नार विश्व में छाई ख़ुशी अपार 


सब पर रखना कृपा महान राम लला की जय जयकार ||


 


अभिननदन अभिनभिनदन राम लला का अभिननदन


सवपन हुअ हे अब साकार , हर्षित नाचें सब नर नार ||  


 


 


 सुनो सुनो भाई सुनो सुनो, सुनो सुनो भाई सुनो सुनो 


आज का दिन है बड़ा महान,अयोध्या में छाई बहार ||


 


 


   


 


 


               “ बूँद”


              एक बूँद 


         समेटे है अनगिनत भाव   


        बूँद बूँद से ही भरती गागर 


      बूँद बूँद से ही ..........बनता सागर 


   तप्त मरुस्थल में एक बूँद पानी की चाहत 


प्यार की चाहत में एक बूँद...... प्यार का एहसास 


नवजात को एक बूँद महत्वपूर्ण है जिन्दगी के लिए 


चातक को इन्तजार है बारिश की अप्रितिम बूंदों का 


पलकें खामोश हैं समेटे भावों की बूंदों को आगोश में 


सीप को इन्तजार है उस ओस की....... एक बूँद का जो


       बदलने को बेताब है उसके अस्तित्व को 


सच ही है, हर एक बूँद समेटे है अपने में अलग रंग ,भाव 


        महत्व एवम् अपनी अलग पहचान ||


 


 


 


 


***** आँखों में ****


कितने रंग छुपा रखे हैं माँ 


तुम्हारी आँखों में |


गज़ब का भोलापन और चंचलता है


तुम्हारी आँखों में ||


सूरज जैसा तेज ,चाँद सी शीतलता


तुम्हारी आँखों में |


माँ की ममता का सागर भी छुपा 


तुम्हारी आँखों में ||


प्रियतमा का प्यार और मनुहार 


तुम्हारी आँखों में |


सागर जैसी गहराई और कई राज़ 


तुम्हारी आँखों में ||


मनमोहक ,मनमादक पर ठहराव 


तुम्हारी आँखों मैं|


प्यार से संहार तक कई रंग 


तुम्हारी आँखों में ||


 


 


 


 


 


 


*** शक्ति ****


क्यों मनवा बैचैन रे 


चिंता करिके काया जल गयी 


मिला न मन को चैन रे ||


जो ढूंढें तू बाहर अंदर 


छुपी वो तेरे खुद के अंदर 


खुद को तो पहचान रे ||


झूठी माया झूठे हमदम 


तोड़ के आ जा सारे बंधन 


अपनी शक्ति को पहचान रे ||


तीन खिड़कियाँ सात दरवाजे 


उसके अंदर शक्ति विराजे 


उसको तू पहचान रे ||


 


अर्थ: तीन खिड़कियाँ - तीनों नाड़ियां 


     सात दरवाजे - सातों चक्र 


     शक्ति - कुण्डलिनी


 


 


 


 


 


    **** नारी ****


नारी का आत्ममंथन लिखूँ या 


निःस्वार्थ प्रेम की कथा लिखूँ 


झूठ फरेब की व्यथा लिखूँ 


क्या लिखूँ और क्या छोडूँ मैं ||


बचपन का अहसास लिखूँ या 


नव यौवन का संसार लिखूँ 


परिवर्तन का इतिहास लिखूँ 


क्या लिखूँ और क्या छोडूँ मैं ||


समर्पण ,त्याग की मूर्ति लिखूँ या 


नारी का गौरव पूर्ण अतीत लिखूँ 


कलयुग में उसकी व्यथा लिखूँ 


क्या लिखूँ और क्या छोडूँ मैं ||


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