नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

---------सैनिक-----


 


आन मान सम्मान 


गर्व अभिमान 


भारत का स्वाभिमान


सैनिक जवान।।


 


सीमाओं पर देश की


रक्षा करता देश भक्त


एक हाथ लिए तिरंगा


एक हाथ संगीन।।


 


फक्र से इतराता विश्व


युग को बतलाता मैं हूँ


हिन्द शान सौकत सैनिक


सैनिक जवान सपूत वीर।।


 


शपथ माँ भारती की


देश की माटी चन्दन


वंदेमातरम् जन गण 


मन भारत माता जय


जयकार हमारा गीत


सैनिक जवान भारत की


तकदीर।।


 


मेरी अभिलाषा ना क़ोई 


चाहे रहूँ भूखा प्यासा सर


भारत का झुकने ना देता


चाहे हो जाऊं शहीद।।


 


भारत की खुशहाली सुरक्षा


मेरा मार्ग संतुष्टि राष्ट्र की हसरत


हस्ती माँ ने मुझको जन्म दिया


माँ भारती का आँचल मेरा 


कर्म धर्म जीवन की मंजिल।।


 


जय भवानी जय माँ काली


हर हर महादेव का शंखनाद


विजय घोष का भाव मन मीत


सैनिक जवान हूँ शौर्य पराक्रम


मेरा संकल्प का धैर्य धीर।।


 


साहस शक्ति का फौलाद


हौसलों की उड़ान बाज़


बाज़ पंख परवाज़ जवां


जाबाज रण भूमि का 


खूंखार सैनिक जवान।।


 


थल हो नभ् हो जल हो


रण के कौशल का कुशल


पल प्रहर का प्रहरी संग्राम की


महिमा सैनिक सच्चा राष्ट्र ईमान


हूँ ।।


 


.


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...