निशा अतुल्य

साक्षरता दिवस 


 


साक्षरता दिवस पर सभी साक्षरों से अनुरोध- आज प्रण नहीं ले सकते तो सोचें जरूर समाज में आपका क्या योगदान है।


 


हाथ में कलम और साथ में डिग्री ही 


साक्षरता अभियान को सफल नही बना सकती । जब तक हर हाथ को काम व बौद्धिक विकास न हो ये अभियान बेमानी है । 


  देश की परिस्थितियां बहुत विकट है क्यों कि 10 वी फेल की तादाद काफ़ी लंबी है जो न मजदूरी करतें हैं ना नौकरी मिलती है अंततः भटक कर नशे की गिरफ्त,चोरी और गुंडागर्दी में अटक कर रहजाते हैं । 


     आज संचार माध्यम सबके लिए सहज सुलभ है, मोबाइल ने जीवन को ओर विकट बना दिया । अब मोबाइल सब की जरूरत बन गया है और नेट आवश्यकता । जिसके चलते नई पीढ़ी भी बिना अक्षर ज्ञान के सब वो देख रही है सीख रही हैं जो सुलभता से उपलब्ध है।


      न जाने ये साक्षरता दिवस कहाँ जा रहा है आज भी सड़को पर कूड़ा बीनने वाले बच्चों की भरमार है जिनके माता पिता इस लिये विद्यालय नही भेजते की वो अपने पेट भरने का साधन स्वयं जुटाता है ।


     सच्ची साक्षरता उस दिन होगी जब हर बच्चा बौद्धिक स्तर से उठेगा और व्यवहारिक ज्ञान के साथ अक्षर ज्ञान ले अपने जीवन को सुधारेगा ।


       उसके लिए शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है बिना अक्षर ज्ञान के बच्चे को दुसरीं कक्षा में उत्तीर्ण न किया जाए , कभी कभी शासनिक आदेश नई पीढ़ी के जीवन से खिलवाड़ कर जाता है ।


    अब क्या कहूँ आज विश्व साक्षर दिवस पर बस इतना ही कहना चाहूंगी जो साक्षर हैं एक बार आत्म निरीक्षण करें, अपने आस पास के निरक्षर को साक्षर सच में बनाने में सहयोग करें सिर्फ 1 घण्टा समाज के उन वंचितों को दे जो सच में देश की रीढ़ हैं उन्हें व्यवहारिक ज्ञान के साथ अक्षर ज्ञान दे जीवन स्तर कैसे उठाया जाए, बताया जाए । इसमें प्रबुद्ध जनों की भागीदारी होनी ही चाहिए ।


 


स्वतंत्र लेखन


निशा"अतुल्य"


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