जब वाक्य में एक ही शब्द बार बार आता है उसे द्विरिक्ति कहतें हैं
जैसे धीरे-धीरे, होल-होल, लाल-लाल,काले-काले इत्यादि
*नारी*
नारी धीरे- धीरे चले ,
काले-काले नैन तके ।
होंठ लाल-लाल सजे,
नैन भरे-भरे दिखे ।
जब पाँव-पाँव चले
चल-चल थक रहे ।
साँस तेज-तेज चले
धक-धक दिल करे।
हरी-हरी दुब दिखे
ओस नन्ही-नन्ही खिले।
सुख नैन-नैन मिलें ,
धीरे-धीरे हवा चले।
गुन-गुन मन करे
धुन सुन-सुन चले ।
तक-तक नैन थके
पल-पल श्याम तके ।
निशा अतुल्य
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें