निशा अतुल्य

जब वाक्य में एक ही शब्द बार बार आता है उसे द्विरिक्ति कहतें हैं 


 


जैसे धीरे-धीरे, होल-होल, लाल-लाल,काले-काले इत्यादि


 


*नारी*


 


नारी धीरे- धीरे चले ,


काले-काले नैन तके ।


होंठ लाल-लाल सजे,


नैन भरे-भरे दिखे ।


 


जब पाँव-पाँव चले 


चल-चल थक रहे ।


साँस तेज-तेज चले


धक-धक दिल करे।


 


हरी-हरी दुब दिखे


ओस नन्ही-नन्ही खिले।


सुख नैन-नैन मिलें ,


धीरे-धीरे हवा चले।


 


गुन-गुन मन करे


धुन सुन-सुन चले ।


तक-तक नैन थके


पल-पल श्याम तके ।


 


निशा अतुल्य


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