निशा अतुल्य

दोस्त को कैसे मनाएं 


रूठे हो क्यों, कुछ तो बताएं 


बोलो, दोस्त को कैसे मनाएं


ये पल छिन लगते नहीं मीत अपने


मान जाओ,आओ गले तुम को लगाएं


 


हुई हैं अगर कुछ गुस्ताखियाँ तो 


करो माफ़,चलो दिल से दिल मिलाएं।


 


करों ना रुसवा ये सुहानी सी रुत है


आओ इसे साथ मिल कर जी जाएं।


 


तुम्हीं से रंगीन दुनियां है मेरी 


चलो साथ मिल पूरे सपने सजाएं ।


 


निशा"अतुल्य"


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