नूतन लाल साहू

खाली दिमाक, शैतान का घर है


सुखी वहीं, जो काम में व्यस्त हैं


दुसरो के बारे में,सोचने का वक्त नहीं है


जिनके पास काम नहीं है, बेकाम है


वो ही व्यक्ति,दुनिया में बदनाम है


खाली दिमाक, शैतान का घर है


बेकाम का घर,कर्ज में डूब गया


जिन्दगी का नाव,मझधार में गुम गया


उनका तन,धू धू कर जल रहा है


ऐसा व्यक्ति,मर मर के जी रहा है


खाली दिमाक, शैतान का घर है


काम में ही सोच और सोच से ही बुद्धि है


बुद्धि से दृष्टि और दृष्टि से ही सृष्टि है


काम में ही, व्यक्ति का सम्मान है


काम नहीं तो समझो, छुट गया जिन्दगी का पतवार है


खाली दिमाक, शैतान का घर है


आज नहीं तो कल,काम करना ही पड़ेगा


काम में जो लिप्त रहेगा,कलिया बन मुस्कुरायेगा


काम से ही भूख और काम में ही प्यास है


भूख मिटेगा पेट का और सतगति पा जायेगा


खाली दिमाक, शैतान का घर है


काम करने वाले को ही,नया नया साल


उत्साह और उमंग के साथ,नया नया ख्याल आता है


काम ही उसका हार और काम ही उसकी जीत है


काम ही उसका भक्ति और काम ही तीरथ धाम है


खाली दिमाक, शैतान का घर है हर संकट,काम करने वाले के लिए सहज


और बेकाम के लिए,महाकाल बन जाता है


सुख और समृद्धि आता है


काम करने वाले के जिन्दगी में


बेकाम वाले, हलाहल होते जाता है


 


नूतन लाल साहू


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