नूतन लाल साहू

शिक्षक दिवस,गुरुजनों को सादर नमन


गुरुरब्रम्हा, गुरुर्विष्णु, गुरूर्देवो, महेश्वरह


अक्षर ज्ञान देने वाले, गुरुवो को शत शत नमन


चंदा और सुरुज से भी ज्यादा है


गुरुवर तोरेच, अंजोर


क्या बच्चा,क्या सियान 


करते हैं, गुरुवर तोरेच ध्यान


घर घर पूजा होता है


घर घर होता है, सम्मान


तोरेच धन की महिमा गुरुवर


खर्च करने से,उल्टा बढ़ता है


गुरुरब्रम्हा, गुरुर्विष्णु, गुरूर्देवो, महेश्वरह


अक्षर ज्ञान देने वाले, गुरुवो को शत शत नमन


तुहरेच कृपा ले गुरुवर


काली अउ सूरदास रिहिन


अपन समय के हीरा


जग में नाम कमा कर गया है


महादेवी और श्री कृष्ण भक्त मीरा ने


ज्ञानम शीलम, शिवम् सुंदरम


हो सबके हितकारी


वेद शास्त्र पुराण से ऊपर


तोरेच महिमा न्यारी है


गुरुरब्रम्हा, गुरुर्विष्णु, गुरुदेवो, महेश्वरह


अक्षर ज्ञान देने वाले, गुरुवो को शत शत नमन


गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय


बलिहारी गुरु आपने,गोबिंद दियो बताय


पढ़ने वाले बच्चे,मोम जैसे होते हैं कच्चे


गुरुवर जैसे मोड़ दे, मुड जाते हैं वैसे


चाहे कोई ज्ञानी हो,चाहे कोई हो विज्ञानी


चाहे कोई नेता हो,चाहे कोई हो अभिनेता


गुरु से ही,अक्षर ज्ञान लिया है


लोहा को सोना बना दे


गुरु ही वो,पारस मणि का पत्थर है


गुरुरब्रम्हा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो, महेश्चरह


अक्षर ज्ञान देने वाले, गुरुवो को शत शत नमन


मै भी शरण में,आया हूं गुरुवर


हर लो, मेरी अशिक्षा को


मेरा भी विनती,सुन ले गुरुवर


हर लो,मेरी पीड़ा को


गुरुरब्रम्हा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो, महेश्वरह


अक्षर ज्ञान देने वाले, गुरुवो को शत शत नमन


नूतन लाल साहू


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