नूतन लाल साहू

बेटी


दुनिया के विधि को


विधि ने बनाई है


दो कुलो की मान बढ़ाने वाली


बेटी,क्यों पराई होती हैं


बेटी ही, मां सरस्वती


बेटी ही, मां लक्ष्मी हैं


बेटी ही, मां नव दुर्गा है


फिर भी,राज दरबार में थिरकने वाली


बेटी ही,क्यों होती हैं


दो कूलो की मान बढ़ाने वाली


बेटी,क्यों पराई होती हैं


बेटी ही,संगी जौहरिया


बेटी ही,वंश बढ़ाती हैं


बेटी ही बनाती हैं,भोजन


भोजन में आंनद होता है


फिर भी बेटी


नर की अबला,क्यों होती हैं


दो कूलो की मान बढ़ाने वाली


बेटी, क्यों पराई होती हैं


लक्ष्मी बाई भी,बेटी थी


जो अंग्रेजो को ललकारी थी


इंदिरा गांधी भी,बेटी थी


जो भारत मां को संवारी थी


मां सीता भी बेटी थी


महाकाली भी बेटी थी


फिर भी बेटी से,खिलवाड़ क्यों होता है


दो कूलो की मान बढ़ाने वाली


बेटी,क्यों पराई होती हैं


जब दर्द देते हैं, बेटे


तब मरहम, लगाती हैं बेटियां


छोड़ जाते है, बेटे तो


काम आती हैं,बेटियां


आशा रहती हैं, बेटो से पर


पूर्ण करती हैं,बेटियां


फिर भी क्यों,कन्या भ्रूण हत्या हो रही हैं


दो कूलो की मान बढ़ाने वाली


बेटी,क्यों पराई होती हैं


नूतन लाल साहू


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