कोरोना काढ़ा
कोरोना का काढ़ा पी-पी,
परेशान तो सब हैं भाई।
करें मगर क्या मजबूरी है,
वेक्सिन अब तक नज़र न आई।
बीत गए हैं आठ महीने,
कहते थे ये जून-जुलाई।
राहत की उम्मीद नहीं है,
आने तक अब नई जुलाई।
पीते रहना तब तक काढ़ा,
समझ उसे ही दूध मलाई।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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