क्यों बनाया है ख़ुदा तू दिल बता दे।
क्यों किया जीना जहां मुश्किल बता दे।
कर सके इंसान के दुख दूर सारे,
कौन इतना इस जहां काबिल बता दे।
भेज दी तूने वो विपदा जो है कातिल,
क्या हुआ इससे तुझे हासिल बता दे।
रौनकें सब छिन गईं हैं इस जहां की,
अब कहाॅ॑ पहले सी वो महफ़िल बता दे।
कर रहे थे हम इबादत साथ मिलकर,
कौन होता आज़-कल शामिल बता दे।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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