राजेंद्र रायपुरी

मदिरा सवैया छंद पर एक रचना- -


 


सावन आवन को कही साजन,


आ न सके किस कारन से।


 


पूछ रही सजनी नित रो कर,


ऑ॑गन चाॅ॑द सितारन से।


 


कौन बताय भला उसको सच,


खेल रहे हथियारन से।


 


बीच ठनी जब बात बनी कब,


लोग कहें सरकारन से।


 


           ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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