ओ यशोदा के दुलारे,
नंद बाबा के भी प्यारे।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑,
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
पूछतीं हैं तेरी गइया,
है कहाॅ॑ माखन खवइया।
पूछता वो तीर यमुना,
थी बजी बंशी जहाॅ॑।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
ओ यशोदा के दुलारे,
नंद बाबा के भी प्यारे।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
पूछते हैं ग्वाल सारे,
हैं कहाॅ॑ कान्हा हमारे।
मान देता हो जो सब को,
मीत ऐसा अब कहाॅ॑।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
ओ यशोदा के दुलारे,
नंद बाबा के भी प्यारे।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
आ भी जाओ, ऐ कन्हैया।
द्रोपदी के तुम हो भैया।
द्रौपदी का चीर हरता,
अब भी दु:शासन यहाॅ॑
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
ओ यशोदा के दुलारे,
नंद बाबा के भी प्यारे।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
हो कहाॅ॑ तुम, हो कहाॅ॑।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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