विनती, गणपति बप्पा से
गणपति बप्पा आप तो,जाने को तैयार।
नैया सारे भक्त की, फॅ॑सी हुई मझधार।
कर जाते यदि हे प्रभो,सबकी नैया पार।
तो बप्पा जी सच कहूॅ॑, होता ये उपकार।
विनती लेकर आपके,भक्त खड़े हैं द्वार।
हे प्रभु जी सुन लीजिए,इनकी करुण पुकार।
कोरोना से त्रस्त हैं, सारे अबकी बार।
जाते-जाते हे प्रभो, दीजै इसको मार।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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