हाथ में लिए कमान , लड़ने चला है वीर ,
सात महारथियों ने , घेर उसको लिया।
छल से बिछाया जाल , करने लगे प्रहार ,
शस्त्रहीन बालक का, वध मिल के किया।
जयद्रथ ने लिया था , रोक पांडवों को तब ,
देखते रहे थे भीम , घूंट खून का पिया।
रथ का उठा के चक्का , सहे वार अभिमन्यु,
वीर योद्धा वो महान , ये सिद्ध कर दिया।
सारिका विजयवर्गीय "वीणा"
नागपुर ( महाराष्ट्र)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें