संदीप कुमार विश्नोई

पहन मुखौटा देखो , करते हैं बात कुछ , 


ये नकाब इनके तो , मुख से उतारिए। 


 


राम नाम जपते हैं , मन में छुपा है पाप , 


हाथ में उठा के डंडा , इनको सुधारिए। 


 


खा गए हैं संस्कार , भारत के ढोंगी सारे , 


नव्य पीढ़ी के लिए भी , कुछ तो विचारिए। 


 


जाया मत करो इन , ढोंगियों के पास कोई , 


इनके इमान को जी , आप ललकारिए। 


 


संदीप कुमार विश्नोई दुतारांवाली तह0 अबोहर जिला फाजिल्का पंजाब


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...