ठोड़ी पर तिल काला , नागिन से है नयन ,
लहराते शिरोधरा , काले काले बाल है।
काजल सजा है कोर , अधर रसीले लाल ,
आपका स्वरूप देख , हृद ये बेहाल है।
पतले मंजुल ओष्ठ , कमल की पत्तियों से ,
टपका अनार से ज्यों , रस लाल लाल है।
मेनका व रंभा तेरे , रूप की है जूठन सी ,
रूप राशि देख तेरी , मन ये निढाल है।
संदीप कुमार विश्नोई रुद्र
गाँव दुतारांवाली तह0 अबोहर जिला फाजिल्का पंजाब
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