संदीप कुमार विश्नोई रुद्र

रामधारी सिंह दिनकर जी की जयंती पर कुछ पंक्तियां


 


वीर रस के महान , कवियों में नाम आए , 


रामधारी दिनकर , लिखते तमाम है। 


 


रेणुका , हुँकार लिखी , रसवंती , द्वन्द्वगीत , 


कुरुक्षेत्र काव्य लिख , किया बड़ा काम है। 


 


सामधेनी , इतिहास , पढ़ो धूप और धुँआ , 


रश्मिरथी का कुसुम , दिल्ली का पैगाम है। 


 


उर्वशी , परशुराम , आत्मा की आँखे कहती , 


कोयले की कविता से , हारे हरिनाम है। 


 


नीम के पत्ते चुराए , वटपीपल पे खाए , 


सीपी और शंख बाद , संस्कृति अध्याय है। 


 


हाहाकार रचना भी , इनकी है मेरे भाई , 


राष्ट्रीय जागरण का , अनल कविराय है। 


 


उर्वशी पे ज्ञानपीठ , इनको मिला है देखो , 


साहित्य अकादमी भी , दिया गुण गाय है। 


 


संदीप कुमार विश्नोई रुद्र


गाँव दुतारांवाली तह0 अबोहर जिला फाजिल्का


पंजाब


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