रामधारी सिंह दिनकर जी की जयंती पर कुछ पंक्तियां
वीर रस के महान , कवियों में नाम आए ,
रामधारी दिनकर , लिखते तमाम है।
रेणुका , हुँकार लिखी , रसवंती , द्वन्द्वगीत ,
कुरुक्षेत्र काव्य लिख , किया बड़ा काम है।
सामधेनी , इतिहास , पढ़ो धूप और धुँआ ,
रश्मिरथी का कुसुम , दिल्ली का पैगाम है।
उर्वशी , परशुराम , आत्मा की आँखे कहती ,
कोयले की कविता से , हारे हरिनाम है।
नीम के पत्ते चुराए , वटपीपल पे खाए ,
सीपी और शंख बाद , संस्कृति अध्याय है।
हाहाकार रचना भी , इनकी है मेरे भाई ,
राष्ट्रीय जागरण का , अनल कविराय है।
उर्वशी पे ज्ञानपीठ , इनको मिला है देखो ,
साहित्य अकादमी भी , दिया गुण गाय है।
संदीप कुमार विश्नोई रुद्र
गाँव दुतारांवाली तह0 अबोहर जिला फाजिल्का
पंजाब
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