जय माँ शारदे
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
मनहरण घनाक्षरी
ज्ञान घट से पीयूष , का कराए पान गुरु ,
दिव्य ये प्रकाश पुँज , गुरु कहलाता है।
हृद में उजाला करे , तम का करे विनाश ,
ज्यों कलाएँ नभ शशि , ये दिखाने आता है।
शिष्य सम मिट्टी ले के , कुंभकार ज्यों बनाए ,
गढ़ता शिष्य महान , ब्रह्मा सा विधाता है।
छंद शिल्प दिव्य ज्ञान , मनोज गुरु ने दिया ,
'रुद्र' करता प्रणाम , गुरु गुण गाता है।
संदीप कुमार विश्नोई रुद्र
गाँव दुतारांवाली तह0 अबोहर जिला फाजिल्का पंजाब
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