संगीता श्रीवास्तव सुमन

मिलता नहीं सहज , शिक्षा का प्रताप देखो , 


बड़े ही बड़ों का शीश , श्रद्धा से झुकाय है |


 


नाम गाँव धाम नहीं , कुल वंश राशि नहीं , 


ज्ञान का दीपक एक , लौ जगमगाय है | 


 


मोल तोल बोल ज़रा, छुटती ज़बान तेज़ ,


देख भाल के सुमन , ये तीर चलाय है | 


 


सच्चे गुरू से ही तो , मान विद्या का बढ़े ,


शिक्षक दिवस जग , पाठ ये पढ़ाय है |


 


@ संगीता श्रीवास्तव सुमन 


छिंदवाड़ा मप्र


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