संजय जैन

दिलों का मिलन


चिराग ए दिल में जलाओगें


तो प्रेम बरसेगा।


दिल में निश्चित ही


प्यार का उदय होगा।


जो प्रेम को इबादत 


और साधना समझते है।


वो ही मोहब्बत के 


रस को पी पाते है।।


 


दिल-ए नादान जो होते है 


प्यार वो कर नहीं पाते।


क्योंकि प्यार करना इतना आसान नहीं होता।


ये तो वो तपस्या और


साधना होती है।


जो दिलों के मिलन 


से ही जन्म लेती है।।


 


आजकल तो मोहब्बत को


प्रेम वासना से देखते है।


जिस्म की प्यास बुझाने


के लिए मोहब्बत करते है।


पर रब ने भी ऐसा 


सबक सिखाया उनको।


और जीवन अधूरा 


बनाया उनका है।।


 


प्यार को प्यार से जीतोगें


तो प्यार तुम पाओगें।


पूणिमा के चांद की तरह से तुम दोनों खिल जाओगे।


और प्रेमरस को तुम 


हमेशा पी पाओगें।


और गुलाब की तरह 


तुम महक जाओगें।


और स्नेह प्यार को


जीवन भर पाओगें।।


 


जय जिनेन्द्र देव 


संजय जैन (मुम्बई)


10/09/2020


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