शिवानी मिश्रा

भारत का भविष्य उसी में,


शिक्षा की अलख जगे जिसमें


आओ मिलकर साथ चले हम,


नव ज्योति शिक्षा की फैलाये हम।


 


शिक्षा वही जो राष्ट्र पर


गौरव करना सिखलाये,


देश का मान बढ़ाये शिक्षा,


निज सम्मान बढ़ाये शिक्षा।


 


जाति-धर्म का भेद मिटाकर,


शिक्षा की हम मशाल जलाये।


साथ चले हम,साथ पढ़े हम,


नव भारत का सृजन करें हम।


 


 


स्वरचित


शिवानी मिश्रा


प्रयागराज


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511