सूरज सिंह राजपूत

मैंने भूख लिखा


 


मैंने भूख लिखा


फिर भी


न लिख सका


वह ' भूख '


जो उसे लगी थी !


मेरे भूख में


बेरोजगारी


मंदी


समीक्षा


अशिक्षा का जिक्र था ।


उसके भूख में बस ' भूख ' !


मैंने भूख लिखा


फिर भी


न लिख सका


वह ' भूख '


जो उसे लगी थी !


मेरे भूख में


लाचारी


बंदी


परीक्षा


परिक्षा का जिक्र था ।


उसके भूख में बस ' भूख ' !


मैंने भूख लिखा


फिर भी


न लिख सका


वह ' भूख '


जो उसे लगी थी !


क्योंकि,


भूख लिखते वक्त


मैं ट्रेन के ए. सी. बोगी में था ।


वह भूखा प्लेटफार्म पर !


क्योंकि,


भूख लिखते वक्त


मैं अपने ए. सी. कार में था ।


वह भूखा सिग्नल पर !


मैंने भूख लिखा


फिर भी


न लिख सका


वह ' भूख '


जो उसे लगी थी !


क्योंकि,


मैंने भूख लिखना चाहा ।


उसने भूख मिटाना !


क्योंकि,


मेरे भूख से अलग थी ।


उसकी ' भूख ' !


 


- सूरज सिंह राजपूत


मीडिया प्रभारी


अखिल भारतीय साहित्य परिषद, जमशेदपुर


झारखंड


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