हिन्दी अभिमान हमारा है।
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हिन्दी अभिमान हमारा है,
‘हिन्दी हैं हम’हिन्दुस्तान का नारा है।
गंगा और तिरंगा वाले देश की
भाषा हिन्दी,बनी शान हमारा है।
हिन्दी अभिमान हमारा है।
जन मन की यह मीठी बोली
दिल में इसने मिसरी घोली,
शब्दों में ब्रह्माण्ड समाया,
वर्ण वर्ण जुड़ सजी रंगोली।
इससे ही दिवाली होली,
एकता का यह नारा है,
हिन्दी अभिमान हमारा है।
संस्कृत,प्राकृत,अपभ्रंश से निकल,
खड़ीबोली के सरल रूप में ढल,
शिरो रेखाओं से जुड़कर,
जोड़ा सबको एकत्रित किया बल,
देश की अखंडता का बन प्रतीक,
इसने सबको ललकारा हैं।
अनेक भाषाओं को अपने में समा,
‘अनेकता में एकता’का बनी यह नारा है,
हिन्दी अभिमान हमारा है।
इसमें हमारी सभ्यता,संस्कृति,
समायी इसी में भक्ति और शक्ति,
हमारी गतिऔर प्रगति की भाषा,
साधु संतों की यह बानी।
भारतमाता के मस्तक की बिन्दी,
सहजता,संकल्पना की पहचान है हिन्दी
भारतीयता का अब यही नारा है,
हिन्दी अभिमान हमारा है।
हिन्दी दिवस १४ सितंबर
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