दोस्त को पैगाम
दोस्ती में नफरत का नही काम-
प्रेम का दे-
दोस्त को पैगाम।
प्रेम संग महकेगी दोस्ती,
जैसे-छाया हो मधुमास-
क्या-दोस्ती में पतझड़ का काम?
साथी-साथी में हो विश्वास,
विश्वास से ही -
महकेगी हर शाम।
माने न माने साथी जीवन में,
दोस्ती पर तो-
सब कुछ है -कुरबान।
सच्ची दोस्ती हो साथी,
प्रभु भी होता-
उन सब पर मेहरबान।
दोस्त दोस्ती में कभी ,
देना न धोखा-
यही देना दोस्त को पैगाम।।
सुनील कुमार गुप्ता
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