सुनील कुमार गुप्ता

   दर्शन दे भगवान


जन-जन में कण-कण में साथी,


जहाँ दर्शन दे भगवान।


रहे न निर्धन कोई जग में,


सभी हो जाये धनवान।।


विकार न हो तन-मन में साथी,


अपनत्व का हो सम्मान।


परमार्थ में बीते जीवन,


स्वार्थ का न होगा नाम।।


भक्ति पथ संग चलते -चलते,


यहाँ पा जाये वो धाम।


सद्कर्मो संग जीवन पथ पर,


यहाँ दर्शन दे भगवान।।


 


 सुनील कुमार गुप्ता


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