हिन्दी का नित दिन करे प्रयोग,
हिन्दी का बढ़े-
पग-पग सम्मान।
मातृभाषा बने राष्ट्भाषा,
कही पर भी साथी-
हो न इसका अपमान।
हर दिन हो हिन्दी दिवस,
क्यों-मनाये अलग से-
बना रहने दो इसका सम्मान।
एक दिन मना कर हिन्दी दिवस,
भूल न जाना इसको-
होगा अपना और हिन्दी का अपमान।
हिन्दी सम्पर्क भाषा बन,
हर हृदय में बसी-
तभी कहते हिन्दी-हिन्दी हिन्दुस्तान।
भाषाएं और भी अच्छी है,
सीखे बढाएं-
अपना ज्ञान बने महान।
मातृभाषा बने राष्ट्भाषा,
कही पर भी साथी-
हो न इसका अपमान।।
सुनील कुमार गुप्ता
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