हे मां आदिशक्ति हम पर कृपा कर दीजिए,
हम सब है तेरे ही बालक अपनी शरण में लीजिए,
हे मातृ ममतामई हम पर उपकार ये कर दीजिए,
रोग शोक संताप हर कर निश्चिंत हमें कर दीजिए,
राग द्वेष को दूर कर प्रेम अंतर भर दीजिए ,
दूर कर बाधा विघ्नों को निस्कंट पथ दीजिए,
नवरात्रि में नव रूप धरकर नूतन हमें कर दीजिए,
हे मातु ममतामयी मुझ मूरख मतिमंद को ज्ञान चक्षु दीजिए,
हे प्रथम दिवस की शैलपुत्री अडिग मुझे कर दीजिए,
ब्रह्मचर्य भाव मन में मेरे ब्रह्मचारिणी भर दीजिए,
हे चंद्रघंटा चंचला चरित्र निर्मल कर दीजिए,
कुष्मांडा कुमार्ग से हटाकर अपने शरण में लीजिए,
हे स्कंदमाता कात्यायनी हम पर कृपा कर दीजिए,
नाश करके काल का कालरात्रि कंचन हमें कर दीजिए,
हे महागौरी सिद्धिदात्री सर्व सिद्धि हमें भी दीजिए,
आजाद अकेला आया शरण कुछ तो दया कर दीजिए,
आचार्य गोपाल जी उर्फ आजाद अकेला बरबीघा वाले
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