सुप्रभात वंदन
जयति मातु तुम हो वरदानी।
सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।
नित्य करूँ वंदन मैं माता।
तुम सब जन की भाग्य विधाता।।
प्रेम भाव के दीप जलायें।
ज्ञान सदा जग में फैलायें।।
बने जगत में भारत प्यारा।
जग में सुंदर देश हमारा।।
हर मन जब भी पावन होवे।
सदा जगत मनभावन होवे।।
राग द्वेष जब सब मिट जाये।
सुख तब मानव मन में पाये ।।
......भुवन बिष्ट
रानीखेत, उत्तराखंड
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