"ले संकल्प"
कर दृढ़ निश्चय
त्याग संकोच
कदमों को बढ़ाओ
लक्ष्य की ओर
ले संकल्प
लक्ष्य को पाना है
आवे बाधाएं
चाहे कितनी
मुझे हर हाल में
जीत जाना है
कभी बेड़ियाँ
रूढ़ियों की होंगी
रोकेगा कभी
परिवार डरकर
नहीं रुकना
तुझे चलना
दूर नहीं
मंजिल की डगर
मैं कर्तव्यनिष्ठ
नागरिक हूँ
देश के लिए
निज कर्तव्य निभाना है
अधिकारों से
लबरेज़ हूँ मैं
संस्कारों का
प्रतीक हूँ मैं
मुडना नहीं है
बढ़ना है आगे
थकना नहीं है
चलना है आगे
देश की शांति
सुरक्षा,एकता में
बनूँ सहभागी
पीड़ितों का मैं
बनूँ एक साथी
आतंकी, दुष्कर्मी
असामाजिक तत्वों का
काल बनकर उभरुँ
करुँ संहार दुष्टों का
ले संकल्प
करुँ कर्म निष्काम
ना रुकूं प्राणों का चाहे
दूँ बलिदान
अन्याय के आगे
कभी ना झुकूँ
मातृभूमि पर
ये जान भी
है कुर्बान
डॉ निर्मला शर्मा
दौसा राजस्थान
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