डॉ. राम कुमार झा निकुंज

जय गाँधी शास्त्री नमन


 


सत्य त्याग शालीनता , कर्म धर्म समुदार।


गांधी शास्त्री युगल वे , स्वच्छ न्याय आधार।।१।।


 


मार्ग अहिंसा विजय का , जीवन उच्च विचार।


जीया जीवन सादगी , किया देश उद्धार।।२।।


 


अर्पित तन मन धन वतन, गाँधी शास्त्री साथ।


रामराज्य अभिलाष मन , सदा बढ़ाये हाथ।।३।।


 


सर्वधर्म समभाव मन ,शान्ति सुखद परमार्थ।


शिक्षा सब जन हो सुलभ, उन्नत राष्ट्र कृतार्थ।।४।।


 


एक पुरोधा क्रान्ति का , प्रतीक इतर संघर्ष।


जीत ब्रिटिश पराधीनता , आज़ादी उत्कर्ष।।५।।


 


सम्वाहक नव प्रगति का ,लेकर ध्वजा तिरंग। 


दी अरुणिम स्वाधीनता , जीत गुलामी जंग।।६।।


 


विकट समय नेतृत्व दे , बन प्रधान निज देश।


जय किसान नारा वतन, जय जवान संदेश।।७।।


 


गुदड़ी का था लाल जो , देश बहादुर भक्त।


गाँधी से अनुरक्त मन , सत्य कर्म आशक्त।।८।।


 


गाँधी की परिकल्पना , चहुँमुख जन उत्थान।


सहनशील समरस वतन, सार्वभौम मुस्कान।।९।।


 


शान्ति प्रेम सम्भाष मधु , भारत जीते विश्व।


जाति धर्म निर्भेद बन, लोकतंत्र अस्तित्व।।१०।।


 


कर्मचन्द्र शीतल प्रभा , मोहन दास स्वदेश।


ऋषितुल्य आस्तिक चरित,मोहित जन उपवेश।।११।।


 


शास्त्र निपुण शासक प्रखर , शौर्य धीर गंभीर।


लाल भारती लाड़ला , शत्रुंजय रणवीर।।१२।।


 


त्यागमूर्ति दृष्टान्त बन, देकर निज बलिदान।


स्वर्णाक्षर इतिहास में , गाँधी शास्त्री मान।।१३।।


 


कवि निकुंज सादर विनत , नमन करे सम्मान।


शास्त्री नित गांधी वतन , अमरकीर्ति यशगान।।१४।।


 


मृदुल चन्द्र निशि चन्द्रिका ,चरित भोर अरुणाभ।


शान्ति प्रगति शास्त्री उभय , गाँधी जन अमिताभ।।१५।।


 


जय गाँधी शास्त्री नमन , वन्दे हिन्द महान।


आन बान शान ए वतन , भारत माँ अभिमान।।१६।।


 


डॉ. राम कुमार झा निकुंज


नवदिल्ली


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