डॉ. रामबली मिश्र

मत कर कभी विवाद


 


मत कर कभी विवाद।


समाधान करते ही रहना।।


 


देना त्याग विवाद।


शांत पथिक बन जीते रहना।।


 


बहुत खराब विवाद।


कभी किसी से नहीं उलझना।।


 


अति प्रिय जिसे विवाद।


उसके जीवन को है सड़ना।।


 


कर मीठा संवाद।


मधुर वचन से वश में करना।।


 


रहो सदा आबाद।


सुखमय जीवन जीते रहना।।


 


मत होना बर्बाद।


मत विवाद कर मरते रहना।।


 


हो विवाद से मुक्त।


निर्विवाद हो सदा थिरकना।।


 


रहो सदा आजाद।


मत विवाद में कभी बहकना।।


 


जीवन बने अशोक।


सुंदर जीवन पथ पर चलना।।


*************************


चलते रहना।


राह पकड़ कर।।


 


चलते रहना।


हाथ मिलाकर।।


 


चलते रहना।


गले लगा कर।।


 


चलते रहना ।


धीरज धर कर।।


 


चलते रहना।


कदम मिलाकर ।।


 


चलते रहना।


बोल-बोल कर।।


 


चलते रहना।


स्नेह लगाकर।।


 


चलते रहना।


कदम-ताल कर।।


 


चलते रहना।


प्रेमी बनकर।।


 


चलते रहना।


पंथी बनकर।।


 


चलते रहना।


मधुकर बनकर।।


 


चलते रहना।


दिनकर बनकर।।


 


चलते रहना।


कविवर बनकर।।


 


चलते रहना।


सुंदर बनकर।।


 


चलते रहना।


हँस-हँस-हँसकर।।


 


चलते रहना।


देना शुभ वर।।


 


चलते रहना ।


बनना सुखकर।।


 


चलते रहना।


गढ़ना शिव घर।।


 


डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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