*प्राण*
1-हाय, मेरे प्राण प्रिय आधार बन।
2-सत्य बनकर जीव का कल्याण कर।
3-प्रेम में पग कर सतत उद्धार कर।
4-जिंदगी मझधार में , उद्धार कर।
5-रो रहे मन से मधुर संवाद कर।
6-मुस्कराते गीत देवी गान कर।
7-अतिथि देवों को बुला सम्मान कर।
8-देवियों में शैल पुत्री को भजो।
9-व्रत रहो संकल्प का सम्मान कर।
10-दीन-दुःखियों को बुला कर दान कर।
11-प्रेम की बगिया बना कर रमण कर।
12-धर्म मानव रच सदा एहसान कर।
13-बन विनायक घूम अपनी परिधि पर।
14-मान को अपमान को इक सा समझ।
15-ज्ञान बाँटो दान में लिखकर सदा।
रचनाकार:डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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