*डॉ.रामबली मिश्र के बोल*
1-निर्दयता कसाई की झोपड़ी है ।
2-अनुदारता शोषण/दोहन का गेह है।
3-घृणा अधर्म की जननी है।
4-विद्वेष कलह और विनाश का कारण है।
5-शोषण गरीबी का जनक है।
6-कृतघ्नता पापी/महा स्वार्थी की जननी है ।
7-परहित की सोच से आनंद -फल की प्राप्ति होती है।
8-निरंकुशता अति महत्वाकांक्षा और असंतुलित व्यक्तित्व का सूचक है।
9-अपराधबोध सुधारात्मक होता है।
10-कुंठा मानसिक विकृति है।
11-सरलता दैवी गुण है।
रचनाकार:डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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