*प्रियता*
1-सर्वप्रिया का संपादन हो।
2-नैतिक मानव में सुंदरता।
3-तथ्यपरक हर बातचीत हो।
4-मनोरोग की दवा करो अब।
रोगी बढ़ते दिखते हैं अब।।
5-चक्र सुदर्शन रहें हमेशा।
6-दानवीय दुष्कृति को कुचलो।
7-तोड़ो दानव की प्रतिमाएँ।
8-मत स्वीकारो कभी कुसंगति।
9-कानून कड़ाई से पालित हो।
10-हो अपराधमुक्त सबका मन
11-पर्यावरण विशुद्ध चाहिये।
रचनाकार:डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें