डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

*हो प्रसन्न माँ प्रीति अगाधा*


 


हो प्रसन्न माँ प्रीति अगाधा।


हर लो है माँ सारी वाधा।।


 


निष्कंटमय सारा जग हो।


मुक्त दासता से हर पग हो।।


 


तेरा शुभ आशीष चाहिये।


माँ तुझ सा अवनीश चाहिये।।


 


मन के सारे कपट दूर हों।


मनोकामना सदा पूर हो।।


 


दिल में बैठ मातृ निर्मला।


कर सारे तन मन को धवला।।


 


विद्या दे कर शांत बनाओ।


धन दे पर माँ दंभ मिटाओ।।


 


ज्ञानप्रदा हे भवभय हारिणि।


बन जा माता शुभ हितकारिणि।।


 


बन साकार रहो माँ घर में।


उत्तम भाव बनी आ उर में।।


 


बैठी हंस गगन से आओ।


प्रथम दिवस नौरात्रि मनाओ।।


 


हम सब जागें संग तुम्हारे।


आयें मंगल गान बहारें।।


 


रचनाकार:डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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