डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

आदि शक्ति को भजो निरन्तर


 


हे आदि शक्ति !हे जग जननी।


स्त्री वाचक, हे प्रिय शव्द धनी।।


 


तुम महा समंदर ज्ञान अगाधा।


सर्व पंथगामिनि मनचाहा।।


 


त्रिपुरवासिनी सर्व मोहिनी।


महा मंत्रमय विघ्न नाशिनी।।


 


कोमल और कठोर नियंता।


सकल स्वचालित प्रभु अभियंता।।


 


नारायणि अति व्यष्टि स्वरूपिणि।


परम विराट सूक्ष्म शिव भूपिणि।।


 


दिव्य ललाट ज्ञानमय सागर।


हिम विशाल शांत प्रिय आखर।।


 


नियम नियामक नियामक नियमित नित्या।


शुभ सन्देश शुभ्र सत स्तुत्या।।


 


आदि शक्ति को भजो निरन्तर।


इनसे बढ़कर कुछ नहिं सुंदर।।


 


डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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