डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

*माँ चरणों में*


*मात्रा भार 8/16*


 


माँ चरणों में।


मन को सदा लगाते रहना।।


 


माँ चरणों में।


शीश झुकाये दिखते रहना।।


 


माँ चरणों का।


प्रति पल वंदन करते रहना।।


 


माँ चरणों का।


आशीर्वाद माँगते रहना।।


 


माँ चरणोँ से।


आजीवन लिपटे ही रहना।।


 


माँ चरणों का।


नित अभिनंदन करते रहना।।


 


माँ चरणों से।


लिपट-लिपट सब बातें कहना।।


 


माँ चरणों पर।


झुककर फूल चढ़ाते रहना।।


 


माँ चरणों से।


आत्मतोष धन याचन करना।।


 


माँ चरणों का।


पूजन प्रति क्षण करते रहना।।


 


माँ चरणों से।


जीवन भर सब पाते रहना।।


 


माँ चरणों की।


प्रति दिन सेवा करते रहना।।


 


माँ चरणों को।


दीपक-धूप दिखाते रहना।।


 


रचनाकार:डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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