*मेरे दिल का टुकड़ा*
मेरे दिल के टुकड़े को ठुकरा न देना,
गले से लगा कर इसे चूम लेना ।
पाला इसे है बड़े प्रेम से मैं,
सिखाया इसे है हुनर ध्यान से मैं ।
बहुत है मुलायम जिगर का ये टुकड़ा,
ऐ नादान, इसको नहीं तोड़ देना।
ये प्याला है भावुक बहुत मुस्कराता,
गले से सभी को सहज है लगाता।
न छल है कपट से नहीं कोई मतलब,
ईमान-धर्मों से है सिर्फ मतलब।
है मानव का पुतला इसे प्यार देना,
मेरे दिल के टुकड़े को ठुकरा न देना।
रचनाकार:डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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