डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी

*बुरी नजर मत डाल*


*मात्रा भार 11/16*


 


बुरी नजर मत डाल।


सबको अपने घर का जानो।।


 


कर सबकी परवाह।


सबको अपना परिजन जानो।।


 


करना सबका साथ।


सबको आत्म भाव में जानो।।


 


रहना सीखो पास।


अपने को सेवक सा मानो।।


 


कर मत किसी को तंग।


सब में मित्र भाव पहचानो।।


 


त्याग भोग की दृष्टि।


आत्मतुष्ट बनने को ठानो।।


 


बुरे लोग को मार।


बुरी नजर पर भौंहें तानो।।


 


आत्मप्रशंसा छोड़।


सुंदर मूल्यों को पहचानो।।


 


देखो अपना दोष।


सद्गुणियों के गुण को मानो।।


 


धर्म मर्म को जान।


मानवीय धर्म पहचानो।।


 


करो सदा सत्संग।


सज्जन बनने को ही ठानो।।


 


कर सबका सहयोग।


सहकारिता मंत्र को जानो।।


 


करना नहीं विवाद।


मधुर आचरण को पहचानो।।


 


मत करना विश्वास


नियमित पानी को भी छानो।।


 


रचनाकार:डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...