रावण रावण मत कहो, रावण कारण राम।
रावण यदि होता नहीं, होते कभी न राम।।
अंधकार यदि हो नहीं, क्या प्रकाश का अर्थ।
अंधकार ही दे रहा, है प्रकाश को अर्थ।।
युग्मों की इस सृष्टि में, बहुत बड़ा है योग।
श्याम करत है श्वेत काबहुत अधिक सहयोग।।
रावण से ही राम का, इस दुनिया में नाम।
रावण यदि होता नहीं , होते कहाँ के राम।।
दुष्ट अगर होते नहीं, कौन पूजता संत।
सन्तों की पहचान तब, जब दुष्टों का अंत।
डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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