डॉ. रामबली मिश्र

जब तुम मेरे घर आओगे....।


 


जब तुम मेरे घर आओगे ,


हँसकर कदम बढ़ाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे,


हँसकर गले लगाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे,


सुंदर सेज सजाऊँगा मैं।


 


जब तुन मेरे घर आओगे,


फूलों पर बैठाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे,


आतिथ्य धर्म मनाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे,


छप्पन भोग कराऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे


खुशियों से इतराऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे,


वंशी खूब बजाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे,


मनहर गीत सुनाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे,


नाचूँ और नचाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे


होली खूब मनाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे,


माला-फूल चढ़ाऊँगा मैं।


 


जब तुम मेरे घर आओगे


 तुझ पर रस बरसाऊँगा मैं।


 


डॉ. रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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