डॉ0 निर्मला शर्मा

"लापरवाही पूरी


 ना मास्क ना दूरी, लापरवाही है पूरी


 फैलेगा ही कोरोना ,सावधानी है अधूरी 


सोशल डिस्टेंसिंग, का नहीं किसी को ध्यान 


सब्जी मंडी में तो, खूब चढ़े यह परवान


 रेलवे स्टेशन बस स्टैंड ,सभी जगह इस का डेरा 


नहीं किया बचाव तो होगा ,आपके तन में बसेरा लॉकडाउन में सब को, सरकार ने खूब बताया


 कोरोना गाइडलाइन देकर, मानव को चेताया अनुशासन किया भंग, तो होगी बड़ी फजीहत 


कोरोना तैयार है बैठा ,करेगा सब को आहत


 धारा 144 लगाई, कभी किया डंडा वार


 आर्थिक दंड लगाया फिर भी ,समझाना गया बेकार 


घर में बैठे कैसे हम तुम ,काम भी है जरूरी


 गांठ बांध लो सभी समझ लो, सावधानी है जरूरी


 


 डॉ0 निर्मला शर्मा 


दौसा राजस्थान


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धूप- छाँव


धूप छाँव का साथ अनोखा


साथ में चलें करें न धोखा


धूप कर्मपथ है दिखलाती


परिश्रम की राह सिखाती


छाँव कराये सुखद अहसास


चैन की अब तो ले लो श्वास


जीवन में दोनों का महत्व


धूप छाँव का अपना कर्तव्य


ये सुख- दुख सरिस है साधो


जिनकी व्याख्या करते माधो


पानी सम बुलबुला समाना


जीवन धूप छाँव सा माना


जीवन पथ पर रहो अग्रसर


चलो न देखो अब तुम मुड़कर


पीछे का पीछे ही छोड़ो


आगे बढ़कर लक्ष्य को छू लो


 


डॉ0 निर्मला शर्मा


दौसा राजस्थान


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