दो अक्टूबर (मुक्तक)
1●
अहिंसा के पथ का वह था अटल सवार
सत्याग्रह आगे बना जिनका एक हथियार
स्वदेशी का जिसने दिखलाया था द्वार
राष्ट्रपिता बापू करती हूँ तुमको नमन हजार।
2●
रत्नों की सी आभा जिसकी
व्यक्तिव था बड़ा कमाल
लाल बहादुर शास्त्री वह
भारत माता का लाल
जनसमूह को दिया है नारा
जय जवान जय किसान
भारत माँ के सपूत को
कोटि कोटि प्रणाम।
डॉ0 निर्मला शर्मा
दौसा राजस्थान
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