डॉ0 निर्मला शर्मा दौसा राजस्थान

"नवरात्रि"


नवरात्रि का त्योहार, लाया खुशियाँ अपार।


मन झूमे बार-बार, करे वन्दना श्रृंगार।


नौ देवियों का आगमन, धरा करे सुस्वागतम।


 


फैला चहुँदिश उल्लास, प्रकृति करती हुलास।


लाओ पूजा की थाल, करो दीपक प्रकाश।


करती दुष्टों का नाश, घ्वनि करे आकाश।


 


जीवन करती सुगम, नहीं कोई पथ दुर्गम।


चलो आस्था के मार्ग, हो जीवन का उद्धार।


नवदुर्गा की साधना से,होता कष्टों से उद्धार।


 


बढ़े धन और धान्य, फैले शांति निज धाम।


सुख, शांति, समृद्धि, लाये देवियों के पाँव।


माता दुर्गे सँवारे ,मेरे बिगड़े सब काम।


 


मद, मोह, लोभ, काम ,साधना से कट जायें।


इन्द्रियाँ हो वश में, भवसागर से तर जायें।


मील आशीष जीवन का, सर्व कष्ट मिट जायें।


 


डॉ0 निर्मला शर्मा


दौसा राजस्थान


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