*रचना शीर्षक।।भारत बेजोड़ महान*
*है।।विश्व का अभिमान है।।*
साड़ी सा बेजोड़ कोई और
लिबास नहीं है।
भारत की संस्कार संस्कृति का
जवाब नहीं है।।
प्रेम अटूट बंधन की गंगा बहती
है भारत में।
मेरे देश में सद्भावनाओं का कोई
हिसाब नहीं है।।
पावन बलिदानी धरती है यह पूज्य
महात्मा गांधी की।
शहीद भगत सिंह कमाल बोस कर्म
वीरों की आंधी की।।
विविधता में एकता सूत्र ही विश्व
गुरु भारत का मंत्र।
आचरण की पूजा यहाँ नहीं कीमत
हीरे सोने चांदी की।।
बंधुत्व भावना सौहार्द्र संस्कार
संस्कृति भारत की जान हैं।
अतिथि देवो भव मानते कि विदेशी
भी हमारे मेहमान हैं।।
पत्थर को भी पूजते हैं हम भगवान
इक समझ कर।
सम्बंध आदर आशीर्वाद में बसते
भारत के प्राण हैं।।
नदी पर्वत झील किले भारत
मस्तक के भाल।
बिखरे रंग यहाँ पर प्रकृति के
पात पात ओ डाल डाल।।
वेद पुराण ज्ञान का सागर अपना
देश भारत महान।
होली दीवाली त्योहारों सजा जैसे
के बिखरे रंग गुलाल।।
*रचयिता।।। एस के कपूर "श्री हंस"*
*बरेली।।।*
मोब।।।। 9897071046
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