बनना है गुलाब तो काँटों
में खिलना सीखो।।
जब जायो धूप में तो ही
साया भी मिलता है।
कहलाता गुलाब कि जब
वो कांटों में खिलता है।।
तेरी मेहनत तय करती तेरे
मुक़द्दर का फैंसला।
वही निभाता रिश्तों को जो
तुरपाई भी सिलता है।।
हार मानने से पहले कोशिश
करते जाना सीखो।
बोलने से पहले जरा सुनते
भी आना सीखो।।
शब्द और समय को खर्च
करो तुम धन समान।
निभाने से पहले रिश्ते तुम
मनाना भी सीखो।।
कोई दर्द पूछने आयेगा मत
तुम इंतिज़ार करना।
अपनी दवा को खुद ही
तुम तैयार रखना।।
सूरज भी ढल जाता है वक्त
पर चांद के लिए।
सीखने को छोटे से भी कभी
मत दीवार रखना।।
मुस्कुराकर जीत लो उसे
दुश्मन जो जानी है।
सफलता की ज़माने में यही
यारो कहानी है।।
ये दुनियाँ इक सराय से नहीं
बढ़ कर यहाँ।
थमे जब डोर सांसों की तो
रुक जाती रवानी है।।
एस के कपूर श्री हंस
*बरेली।।*
मो।। 9897071046
8218685464
संघर्ष में ही आपकी वास्तविक,
पहचान होती है।
निकल कर आ जाती है वो शक्ति,
जो अनजान होती है।।
मुसीबत ही सिखाती हमें कैसे चलें,
धारा के विपरीत हम।
कठनाई तो एक शिक्षक बहुत,
महान होती है।।
*।।।।।।।।।2।।।।।।।।।।*
आँधियों में ही तो दीये,
की पहचान होती है।
बुझ न पाये लौ इसकी यही,
इसकी शान होती है।।
हवा के विपरीत संघर्ष ही ,
दीये की ताकत है।
संकट परीक्षा की घडी ही तो,
इम्तिहान होती है ।।
*।।।।।।।।।।3।।।।।।।।।।।*
नसीबों का पिटारा यूँ ही,
कभी खुलता नहीं है।
सफलता का सम्मान जीवन में,
यूँ ही घुलता नहीं है।।
बस संघर्ष ही लिखता है हाथ,
की लकीरें हमारी ।
ऊँचा हुऐ बिना आसमाँ भी,
कभी झुकता नहीं है।।
*।।।।।।।।।।।4।।।।।।।।।।।।*
हर पल हर कदम जैसे,
संघर्ष है ये जिन्दगी।
कभी दुःख का साया तो कभी,
हर्ष है ये जिन्दगी।।
धैर्य से तो दर्द भी बन,
जाता है मानो दवा।
जीतें हैं जो इस अंदाज़ से,
तो गर्व है ये जिन्दगी।।
*।।।।।।।।5।।।।।।।।*
मन हार कर तो कभी कोई,
जीत पाता नहीं है।
बिना संघर्ष के ख्याति कभी,
कोई लाता नहीं है।।
मत इंतज़ार करते रहो कुछ,
अच्छा करने के लिए।
बात ये एक जान लो कि कल,
कभी आता नहीं है।।
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*
*।।बरेली।।*
मोब 9897071046।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।
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