एस के कपूर "श्री हंस"

*तेरे कर्म और लगन का नाम*


*ही तेरी जिंदगानी है।।*


 


कागज़ की कश्ती और


बारिश का पानी है।


इस जीवन की बस


इतनी सी कहानी है।।


दुनिया तो इक सराय


बस है आना जाना।


थम जाती डोर सांस की


यूँ रुक जाती रवानी है।।


 


जिंदगी चलती रफ्तार से


कदम मिला कर चलो।


मुश्किलों का भी तुम 


सीना चीर कर आगे बढ़ो।।


कुछ करो यूँ कि आँसू भी 


तेरे मुस्कराया से करें।


बस हर काम जरा तुम


मन लगा कर ही करो।।


 


हर सुबह एक नया सा


दिन लेकर आती है।


हारी हुई जिन्दगी में नई


उम्मीद जगाती है।।


मन के हारे हार है


और मन के जीते जीत।


यही किरण आशा की 


ही नैया पार लगाती है।।


 


वही जीतते जो कि वक्त


से जिन्दगी संवार लेते हैं।


जीवन में अपनें जो


विश्वास उतार लेते हैं।।


गर चूक भी हो जाये यूँ ही


जीवन में जब कभी।


गलती को अपने समय से


वह सुधार लेते हैं।।


 


लगन साहस जीवन के दो


ब्रह्म वाक्य मंत्र हैं।


अभ्यास और अनुभव


सफलता के दो तंत्र हैं।।


आदमी गर चाहे तो सब


कुछ कर सकता है।


धैर्य और अनुशासन हर


जीत के दो यंत्र हैं।।


 


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*


*बरेली।।।*


मोब।। 9897071046


                      8218685464


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