*रचना शीर्षक।।*
*बस प्रेम का ही वास हो दुनिया में।।*
*विविध मुक्तक।।*
*1,,,,,,,,,,,,,*
*एक नेक इंसान बढ़िया बनो।।*
*।।मुक्तक।।*
किसी के अधरों की मुस्कान
खुशी का जरिया बनो।
हो सके भरा प्रेम से तुम
एक दरिया बनो।।
प्रभु का ही प्रतिरूप है हर
आदमी इस दुनिया में।
बस कुछ और नहीं तुम एक
इंसान नेक बढ़िया बनो।।
*2.......*
*दुआयें साक्षातभगवान होती हैं।।*
*।।मुक्तक।।*
दुआयें साथ हों तो मुश्किलें भी
जैसे आसान होती हैं।
हवायों के रुख से पाते मंजिलें
जो अंजान होती हैं।।
बस दुआयें लीजिएऔर दीजिए
एक दूसरे के लिए।
दुआयों की ताकतें मानो साक्षात
भगवान होती हैं।।
*3,,,,,,,,,,,,,*
*बस प्रेम का नाम मिले तुमको।।*
*।।मुक्तक।।*
जिस गली से भी गुज़रो बस
मुस्कराता सलाम हो तुमको।
किसी की मदद तुम कर सको
बस यही पैगाम हो तुमको।।
दुआयों का लेन देन हो तुम्हारा
बस दिल की गहराइयों से।
प्रभु से करो ये गुज़ारिश कि
बस यही काम हो तुमको।।
*4,,,,,,,,,,,,*
*जो याद रहे वह कहानी बनो।।*
*।।मुक्तक।।*
बस अपना ही अपना नहीं
किसीऔर पर मेहरबानी बनो।
चले जो साथ हर किसी के
तुम ऐसी कोई रवानी बनो।।
जीवन तो है हर पल कुछ
नया कर दिखाने का नाम।
कोई भूल बिसरा किस्सा नहीं
जो याद रहे वो कहानी बनो।।
एस के कपूर श्री हंस
*बरेली।।*
मोब।। 9897071046
8218685464
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