एस के कपूर श्री हंस

आधी दुनिया नारी की


सारी सृष्टि नारी से।। हाइकू


1


नारी से नेह


नारी रचनाकार


नारी है स्नेह


2


नारी है रोली


पूजा चंदन टीका


दृढ़ ओ भोली


3


राज दुलारी


बने जीवन क्यारी


कभी बेचारी


4


है प्रभु स्मृति


नारी है पूजनीय


ईश्वर मूर्ति


5


है रौद्र रूपा


कभी शीतल जल


नारी स्वरूपा


6


कभी अबला


नारी रूप अनेक


कभी सबला


7


दी जाती बलि


नारी त्याग मूरत


जाती है छली


8


है माँ शारदे


नारी बने संबल


दुख हार दे


9


नर ओ नारी


नर पे सदा भारी


ये घरवारी


10


अंधा कानून


नारी न मिले न्याय


भोली मासूम


11


दो कुल मान


परिवार की शान


नारी महान


12


दुर्गा की धार


चंडी का अवतार


लुटे जो प्यार


13


श्रद्धा व भक्ति


प्रभु में रखे आस्था


नारी की शक्ति


14


वो सारा प्यार


संतान पर वार


वो ही संसार


15


सृष्टि जननी


पूरी दुनिया है जो


उससे जन्मी


************""""""""************


कोशिश करो कि जिन्दगी हमारी अपनी सहेली बन जाये।।


 


मुस्करा कर ही जीना तुम


इस जिंदगानी में।


माना कि कुछ रास्ते खराब भी


हैं इस रवानी में।।


जान लो कि जिन्दगी फिदा है


इस मुस्कराहट पर।


चाहे कितने गम हों जीत कर ही


आओगे इस कहानी में।।


 


यह जीवन बस इम्तिहानों का ही


दूसरा नाम है ।


एक रास्ता बंद हो तो भी जान लो


दूसरे तमाम हैं ।।


तुम्हारा भाग्य तुम्हारे कर्म की ही


मुट्ठी में होता है कैद ।


यह किस्मत की लकीरें तेरे परिश्रम


का ही ईनाम हैं ।।


 


गमों में भी मुस्कारनें की यह आदत


बहुत अलबेली है ।


तन्हाई में भी जिन्दगी कभी रहती


नहीं अकेली है ।।


तनाव अवसाद यूँ ही असर नहीं


करते आदमी पर ।


कभी यह जिन्दगी हमारी बनती


नहीं पहेली है ।।


 


कोशिश करें कि जिन्दगी हमारी


अपनी चेली बन जाये।


वक़्त मुश्किलों का भी हमारी


सहेली बन जाये।।


बस खुश रहें हम हर वक़्त और


हर दर्दो गम में ।


हो जिसका हर जवाबो हल बस


जिंदगी वो पहेली बन जाये।।


 


 एस के कपूर श्री हंस


बरेली।


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