*जय जय माँ कूष्माण्डा*
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जय जय माँ कूष्माण्डा
अष्ट भुजा धारी तुम हो,
चक्र, बाण और धनु धारी हो
सब पर तुम कृपा बरसाती हो।
रक्त बीजों का नाश करो माँ
जो मानवता का उपहास करे,
भक्तों की तुम रक्षक हो माँ
सबको सुमति दे दो माँ।
रुप तुम्हारा अति मन भावन
शीतल सात्विक सिन्धु सुधा सा,
सिहं पर सवार रहती हो
भक्तों का तुम कल्याण करती हो।
कूष्माण्डा माता पूजा तुम्हारी करुं
धूप दीप और भोग लगाऊँ,
चौथे नवरात्र का रुप तुम्हारा
हर घर में तुम पूजे जाते हो।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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